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दोहा मात पिता का त्याग कर, करने जाते दान। साली की सेवा करे, कलयुग की संतान।। गांव लगे बिष तुल्य अब, प्रिय लागे ससुराल। पत्नी के लेकर गया, पुत्र शहर तत्काल।। ...