तक़दीर–तुम्हारी मोहब्बत के साये

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जब मेरी तक़दीर की लकीरें तुमसे जुड़ गई मेरी हर ख्वाहिश तुम्हारी ओर मुड़ गई ख्यालों में मेरे तुम हो रहते छाये तुम और तुम्हारी मोहब्बत के साये मेरा न कुछ ...

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