बैचन - ए - दिल

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परख कर करोगे भी क्या इस दिल - ए - बेताब को  पढ़ तो नी पाओगे मेरे दर्द और प्यार के किताब को ।। तुम रहोगे हमेशा मशहूर मेरी आखों की ...

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