भाई दूज कुंडलियांँ #लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता -26-Oct-2022

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भाई दूज (कुंडलियांँ) बहना करती कामना, भाई  हो दिर्घायु। आता जाता वो रहे, जैसे निर्मल वायु।। जैसे निर्मल वायु, रहे क्यों जीवन मैला। उसका ही तो स्नेह , भरें खुशियों का ...

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