तुम्हारी आंखों से

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 ' तुम्हारी आंखो से ' क्यों धमक पड़ती  हो आखिर तुम एक कविता बनकर, कर देती हो मजबूर कलम उठाने पर, मुझे एक यातना से  पड़ता है गुजरना... उन यादों को  ...

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