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- 🙏🙏🙏🙏🙏 ,2122,1212,22 रोज कान्हा करे शरारत है। आ रही गोपियोंं की शामत है। रोज फोड़े दही भरी मटकी। मानता ही नहीं मुसीबत है। रोज वंशी बजा सताता है। चैन लूटे ...