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हाँ साहब हम दर्द लिखते हैं, क्योंकि हम जज्बात रखते हैं। मानते हैं ,हम बहुत भावुक है हमारा मन, अपने या पराए किसी को दर्द हो हम सिसकते हैं। अपनो के ...