1 Part
24 times read
4 Liked
मुक्तक अंजान का हो या कि हो पहचान का लहू। हिंदू का लहू हो या मुसलमान का लहू।। हैवानियत के वास्ते, अब मत बहाईए। हो जानवर का या, किसी इँसान का ...