लहू

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मुक्तक अंजान का हो या कि हो पहचान का लहू। हिंदू का लहू हो या मुसलमान का लहू।। हैवानियत  के  वास्ते,  अब मत बहाईए। हो जानवर का या, किसी इँसान का ...

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