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मैं भारत के बलिदानों की गाथा गाया करता हूं। आग उगलती कलम हमेशा, मजलूमों के क्रंदन पर। लावा फूटा करता सत्ता के झूठे अभिनंदन पर।। सिंघासन की आस नहीं की मजदूरों ...