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बरसे बरसे मेरी अंखियाँ बरसे बरसे मेरी अंखियाँ जैसे बदरिया काली घनघोर हृदय विदारक तेरी जुदाई गम से हुआ मैं सराबोर पास बचा था आँसू का कतरा निकल पड़ा वह भी ...