कविता ःःसात फेरे

1 Part

142 times read

4 Liked

कविता ःसात फेरे ★★★★★★★★ सात फेरों की रस्में चूर हो गईं सप्तपदी की कसमों की भूल हो गई तुमने वादा किया था,आजीवन साथ चलने का उन कदमों में बेवफाई की धूल ...

×