चार दशक #लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता -29-Oct-2022

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चार दशक (छंद मुक्त कविता) इस जीवन के  चार दशक  बीत गए  कितने ही लोग  मिले बिछड़े  फिर मिले  कुछ मिलकर  भी न मिले कुछ अपने  कुछ सपने  साकार हुए कुछ ...

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