1 Part
132 times read
5 Liked
🌺🍀🌺🍀🌺🍀🌺 ॐ 🍀🌺🍀🌺🍀🌺🍀 जब भी कली कोई मुस्कुराई क्यों पतझड़ बना है तू हरजाई बहारों के मौसम में कलियां खिली है बुरी नजर तूने ये कैसी लगाई जब भी कोई कली ...