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दोहा खुद अपना ही कंत मोहन के ब्रजधाम की, महिमा अपरम्पार। जो जाता इस धाम वह, लेता जन्म सुधार।। ले दधि माखन आ गई, बरसाने की नार। बीच राह में मिल ...