सोना सोना

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सोना सोना मुखड़ा सा  लगता था कुछ अपना सा  माथे पे चाँद की बिंदिया सी  होठों पे गुलाब की लाली सी  खन खन खनके चुडिया सारगी सी  पैरो मे बाजे गुगरू ...

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