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कहलाती थी सोने की चिड़िया जिस धरा पर हमने जन्म लिया खो गया कहाँ सुनहरापन अब तो धुन्दला दर्पण बदले मेरे देश का फिर मौसम बदले। थे राम रहीम जहाँ भाई-भाई ...