कोई तो मरहम लगा दो

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होकर नाशाद, आवारा मैं,  फिर रहा हूं खूनी राहों पर अरे कोई तो मरहम लगा दो,  मेरे टूटे दिल के घावों पर ... मैं कौन हूं कैसा हूं  यह तक मुझको ...

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