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कितना दर्द है कहना तो बहुत कुछ है, ज़िन्दगी तुझसे। पर ज़ुबान पे बस ख़ामोशी है, बस ख़ामोशी और ख़ामोशी। क्या कहूँ मैं तुझसे, जब सब है तुझे पता। बस ये ...