1 Part
306 times read
15 Liked
काश कोई ज़ज्बातो का खरीददार ••••••••••••• कोई रिश्ता भी समझ नहीं आता। हर कोई अपना यहाँ हिसाब करता। हर कोई मतलब की बात करता। किसी पर भी अब यकीन नहीं होता। ...