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माना जरा सा है बेपरवाह इश्क मेरा पर चाहत बेशुमार है कैस बतलाऊं सनम कितना तुमसे प्यार है सर्द मौसम में सुनहरी धूप से लिपटकर पिघलती ओस की बूंदों सा खुमार ...