लेखनी कविता -02-Nov-2022

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 मत कर अभिमान मत कर रे अभिमान अरे नादान  सब्र कर ले इंसान, क्या साथ लाया था? क्या साथ ले जाएगा? मत इठला रे नादान, खेल खत्म हो जाएगा सब..... खाली ...

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