लेखनी प्रतियोगिता -03-Nov-2022 शीतलता

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जिंदगी के दौड़ धूप की चाहे कितनी हो थकान फिर भी लबों पर सजी रहे एक मीठी सी मुस्कान अजब सी है इस शीतलता का भाव शायद ऐसा ही है प्रेम ...

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