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# आज की प्रतियोगिता हेतु कहानी कौमुदी महोत्सव कार्तिक मास की पूर्णिमा का दिन था । शांत नीले आसमान में चांद अपनी धवल चांदनी बिखेर कर यह संदेश दे रहा था ...