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चलो मिलकर बालिका दिवस मनाए, जग जग में यह बात फैलाएं, बेटियों को न समझो बोझ, समझाओ यही बोल। बालिका ही बनती माता, कितने रुप निभाती, घर की होती क्षत्राणी, दो ...