लेखनी कविता -05-Nov-2022

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मेरा भविष्य भूत वर्तमान जाएगा  जो कल था वह आज दुनिया के सामने आएगा कितनी मचली रातें थी वे जुदा हुई बेखबर थे उन इंतहा के लिए लेकिन जो चाहा था ...

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