लेखनी प्रतियोगिता -06-Nov-2022 शर्मो हया

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मुक्तक  शर्मो हया से झुक गईं क्या नजरें आपकी  या चमचमाते हुस्न की मदिरा का असर है  यूं मुस्कुराकर लूटा ना करो , दिल सरेआम  छुपा के रखो , उफनता यौवन ...

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