कविता

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बात इतनी सी हैं,  बात इतनी सी हैं की अब बात नहीं होती,  हो आया जिक्र अगर उनका तो आँखे भीगे बिना नहीं रहती,  भूल जाने को शहर छोड़ दिया,  रह ...

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