लेखनी प्रतियोगिता -आदमी

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तुम आदमी हो तुम रो नहीं सकते  तुम आदमी हो तुम कोमल हो नहीं सकते...  दर्द तुम्हें कितना भी सताए  या दिल तुम्हारा कोई तोड़ जाए...  पर आंखें नम ना हो ...

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