जिंदगी तेरी मुफ्त मे जाए

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(( मधुकवि और हरि)) जिंदगी मुफ्त में तेरी जाये!!         गीत हरि के कभी तू न गाये!!  तू ख्यालों में खोया ही रहता!!  मोह निदिया में सोया रहता!!    ...

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