लौटती यादें

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रात अपने कमरे में  हमेशा की तरह मैं तनहा था  खिड़कियां हवा के जोर से शोर मचा रही थी  दरवाजा बंद था और फिर एक आहट सी हुई  वो उसके नाज़ुक ...

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