लेखनी कविता - ख़ुद की खोज

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🥀ख़ुद कि खोज🥀 हाय मिला भी तो क्या वेदना और व्यथा का साथ  रात्रि में निद्रा  लेती  मेरी किसी और की आंखों का स्वाद..  अश्रु सींच  रहे हैं रात्रि दिन यह ...

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