साक़िया

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साक़िया पिला दे अपनी आँखो के जाम  महखाने के तो रोज़ ही गिलास खाली होते है  इसी चढ़ा मुझे तू ख़ुमार जो क़यामत तक ना उतरे  अलीशा अंसारी ✍️✍️    ...

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