चांदनी रात

1 Part

281 times read

14 Liked

ये चांदनी रात मुझे क्यूं जला रही हे रात रात भर मुझे क्यूं जगा रही है जब बंध चुकी हे वो गैर के दामन से जाकर उसकी यादे बार बार  मुझे ...

×