सूनी सूनी

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सुनी सुनी राहें है !! साथ सागर की धारे है !!  कंधों पर बोझ की गठरी है !!  साथ छोड़ती मेरी ही परछाई है !!  अनसुलझी हाथों की लकीरें है !!  ...

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