पतझड़

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कच्चे धागे से बंधा था ये रिश्ता  एक खिंचाव से ही टूट गया था !  विश्वास भरोसा खुद से ज्यादा किया  पर तुमने क्या दिया  फ़रेब धोखा !  क्या गलती थी ...

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