कलयुग सिर पर नाच रहा है

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# दैनिक प्रतियोगिता हेतु  कलियुग सिर पर नाच रहा है गीत-✍️उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट घोड़ा करे घास से यारी, तो भूखा रह जाएगा जो दु:ख- दर्द हरे लोगों का, खुद कष्टों को ...

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