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आज फिर से दिल बड़ा उदास है इन नजरों को कबसे उसकी आस है फिर एक सेमी फाइनल फिर एक हार यार हरबार ये ना-काबिल-ए बर्दाश्त है क्यों इस बार बल्ला ...