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ना जशन मनाये गए.,,,, ना चिराग जलाये गए,,,, मेरी वो बेटी रो पडती है, मेरी तकलीफ पे. जिसकी जुदाई (विदाई ) पर गीत गाए गए. रख दू कलम मेज़ पे,,, तो ...