लेखनी प्रतियोगिता -12-Nov-2022 महकती सांस

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महकती सांस  सुहाने ख्वाब अब दिल में जगा महका गया सावन,। मगर हर पल महकती सांस को तरसा गया सावन। बरसती बूंद बादल से धरा तपती हुई शीतल, पिया आओ हमारे ...

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