लेखनी कविता - तेरी याद

1 Part

339 times read

16 Liked

शहरों की सड़कों ने छीन लिया सन्नाटा मुझसे मैं खाली रास्तों पर चलना चाहती हूँ...  शाम होते ही गाँव की सड़कों पर निकलती थी मैं घर लौटती चाँदनी रात लेकर...  जुगुनूओं ...

×