शायरी

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चाँद तू भी देखो रहा है.,,,  चांद में भी देख रही हूं  तुझे याद करके यही सोच रही हूं,,   तनहा है तू,,  मैं भी कितनी अकेली हूं,,   तू मेरा उलझा हुआ ...

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