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कविता ःजन्माष्टमी ★★★★★★★★ तुम मेरे गिरधर गोपाल तुम हो करुणा अपरंपार तुम जगत के पालनहार तुम्ही रचाते लीला हजार तुम प्रेम के मूरत हो प्रभु तुम मोक्ष के महासागर तुम हर ...