डायरी के कुछ अल्फाज़

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मेरी सखी कैसी हो तुम आशा करती हूँ अच्छी ही होंगी बहुत दिनों बाद तुम्हे याद किया गुस्सा ना होना यार क्या करुँ काम में इतना बिजी हो गई हूँ ना ...

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