लेखनी प्रतियोगिता -18-Nov-2022

2 Part

273 times read

13 Liked

 आशिर्वाद आशिर्वाद की बन वो मूर्त माथा चूम  मेरे बालों में हाथ फिरा मुस्कुराते लवों से  पूरा जहां मेरे लिए मांगती वो मेरी मां,  जाने आज कहां गुम हो चली है। ...

×