लेखनी कहानी -18-Nov-2022

1 Part

283 times read

8 Liked

रोज लिखती हूं मैं जिसके एहसासों को जाने कहां वो गुम है अपने ख्यालों में क्या प्रेम की यही सज़ा है अधूरे हों किसी की मोहब्बत में ‌‌‌‌‌खु‌द को‌ तबाह कर ...

×