लेखनी कहानी -18-Nov-2022

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रोज लिखती हूं मैं जिसके एहसासों को जाने कहां वो गुम है अपने ख्यालों में क्या प्रेम की यही सज़ा है अधूरे हों किसी की मोहब्बत में ‌‌‌‌‌खु‌द को‌ तबाह कर ...

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