आशिर्वाद#लेखनी दैनिक कविता प्रतियोगिता -18-Nov-2022

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आशिर्वाद  पापा की प्यारी परी,ओढ़ चुनरिया लाल। छोड़ मायके की गली, चली आज ससुराल।। गुड्डे गुडिया रो रहे, करते करुण पुकार। हमको भी तो ले चलो, बचपन के हम यार।। पापा ...

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