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18.11.2022 एक पुरानी कहावत है, "शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्" अर्थात कोई भी धर्म का आचरण करना हो, तो उसके लिए सबसे पहला साधन शरीर है। अर्थात यदि आपका शरीर ...