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हर रास्ते का बगीचा सुना हर छांव सुनी सुनी पिया मिलन से बिछड़े मुस्कान हमारी चली गयी..... टूटे हुए ख्वाब देखो हर रोज पास आते हैं दर्द सहन नहीं कर पाते ...