दिखते आसार नहीं

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गज़ल नफ़रत का करते हैं, कारोबार नहीं। आगे बढ़कर हम करते, तकरार नहीं।। लेकिन कोई समझाने, से ना माने। फिर वो हमसे पा ,सकता है पार नहीं।। गर्दन भी कट जाए ...

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